प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से सम्मानित हसीना बानों जैविक खेती की प्रतीक बनीं

विदिशा :
जिले में ग्यारसपुर विकासखण्ड का ग्राम हैदरगढ़ की रहने वाली 32 वर्षीय श्रीमती हसीना बानों जैविक खेती की प्रतीक बनी हैं। जैविक खेती को प्राथमिकता देने के साथ ही बानों ने इस क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर की ख्याति हासिल की है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री ने भी हसीना बानों को सम्मानित किया है। जैविक खेती में उत्कृष्ट कार्य हेतु वर्ष 2017 में को प्रधानमंत्री के द्वारा दिल्ली में सम्मानित किया गया था। हसीना बानों पहली ऐसी महिला हैं जिन्हें जैविक खेती के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण देने हेतु चयनित होकर इस कार्य को अंजाम दे रही हैं। गरीब स्व सहायता समूह से काफिला शुरू हुआ जो अब अजीविका ग्राम हैदरगढ़ संगठन से जाना जाने लगा है। समूह में 40 संगठनों की महिलाओं को बानों के द्वारा जैविक खेती के लिए अभिप्रेरित कर जैविक खेती कर साग-सब्जी ही नहीं वरन उत्कृष्ट क्वालिटी का गेहूं उत्पादन समूह की महिलाओं के द्वारा लिया जा रहा है। बानों ने अपनी इस उपलब्धि के बारे में बताया कि वह तीन बीघा जमीन में विभिन्न प्रकार की जैविक खेती करती हैं। जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हासिल होता है। इसके अलावा वह जैविक खेती करने के साथ-साथ आसपास के कई ग्रामों में जैविक खेती के लिए अन्य जनों को प्रोत्साहित ही नहीं करतीं हैं बल्कि उन्हें जैविक खेती करने के तरीकों से भी अवगत कराती हैं। उन्होंने विदिशा जिला ही नहीं अपितु मध्यप्रदेश के कई जिलों में जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु प्रशिक्षण दिया है। साथ ही वह देश के अन्य राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़ में भी जैविक खेती से संबंधित प्रशिक्षण दे चुकी हैं। जिसके लिए देश और प्रदेश स्तर पर उन्हें काफी सराहना मिली है। इसके अलावा हसीना बानों ग्रामीण आजीविका मिशन से भी जुड़ी हुई हैं। जिसके माध्यम से वह स्व सहायता समूह संचालित करती हैं और अन्य महिलाओं को प्रशिक्षण देने का कार्य करती हैं। उन्होंने बताया कि उनके एक समूह में 20-25 महिलाएं जुड़ी हैं जो सिलाई सेंटर के माध्यम से स्कूली गणवेश तैयार करती हैं तैयार की गई गणवेशों को स्कूलों तक पहुंचाने का कार्य भी उनके ही द्वारा किया जाता है। जैविक खाद्य और कीटनाशक का निर्माण करता महिलाओं का समूह- 32 वर्षीय महिला हसीना बानों ने बताया कि वह जैविक खेती करने के साथ-साथ जैविक खाद्य और कीटनाशक का निर्माण स्वयं व उनके समूह की महिलाएं करती हैं। इस समूह में 20 महिलाएं कार्य करती हैं जो जैविक खाद्य और कीटनाशक तैयार करती हैं। उनके द्वारा तैयार की गई जैविक खाद्य तथा कीटनाशक भोपाल सहित विदिशा जिले के अन्य ग्रामों में विक्रय की जाती है। उनका समूह इस कार्य से लगभग 20 हजार रूपये मुनाफा प्राप्त कर लेता है।