गुना बस हादसा- शवों से डीएनए नमूना लेना चुनौती, यह तो पता है कि अब अपने इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन शवों के बचे-खुचे अवशेषों में अपनों के कौन से हैं, पता नहीं

गुना डेस्क :

27 दिसंबर की रात हुए बस हादसे में मारे गए लोगों और उनके परिजन के सैंपल डीएनए जांच के लिए ग्वालियर भेज दिए हैं। अब परिजन को डीएनए रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। रिपोर्ट कब आएगी, इसका सटीक जवाब कोई अफसर नहीं दे रहा है। सैंपल लिए जाने के दौरान सभी ने अधिकारियों से यही सवाल किया। शुक्रवार को कई लोग अस्पताल पहुंचे। यहां उन्हें कहा गया कि पुलिस से बात करें।

इधर, पुलिस का कहना है कि सैंपल की जांच में 2 से 10 दिन तक का समय लग सकता है। शिनाख्ती की इस प्रक्रिया में उलझे परिजन अपनों के जाने का शोक तक नहीं मना पा रहे हैं। मृत्यु के बाद होने वाली तमाम धार्मिक प्रक्रियाएं भी अधर में हैं।

2 की शिनाख्त हो चुकी : हादसे में मारे गए 13 लोगों में से 2 की शिनाख्त हो चुकी है। उन शवों को परिजन को सौंप दिया था। बचे हुए 11 शवों में से 6 को शिवपुरी मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है।

गुना जिला अस्पताल की मर्चुरी में रखे हैं 5 शव, जगह न होने से 6 शव शिवपुरी मेडिकल कॉलेज भेजे

दर्द… परिजन के हिस्से में दुख, भागदौड़ और इंतजार

हादसे के बाद से ही भागदौड़ में लगा हूं। उस दिन रातभर घायलों में अपने बेटे की तलाश करता रहा। उम्मीद लगी रही कि कहीं न कहीं वह सुरक्षित होगा। दूसरे दिन भी सुबह से शाम हो गई। सब नेतागिरी में लगे। हमारी ओर देखने वाला कोई नहीं था। शाम तक सैंपल लिए गए। रात को फिर सैंपल लेने के लिए टीम आ गई। अब कब तक मेरे बेटे की मिट्‌टी मुझे मिलेगी। समझ नहीं आ रहा, क्या कहूं।

– संजीव सिंह राजावत, हादसे के बाद से गुम 16 वर्षीय सक्षम के पिता।

मुश्तकीन के छोटे भाई का सैंपल लिया है। हमने अधिकारियों से पूछा कि रिपोर्ट कब तक मिलेगी? इसका किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। बस इंतजार करने को कहा जा रहा है।
– अजीज खां, हादसे के बाद से लापता 35 वर्षीय पटवारी मुश्तकीन राईन के पिता।

पहले आने वाले सैंपल की ही पहले जांच होती है

वैज्ञानिक अधिकारी ने बताया कि फोरेंसिक लैब में जो नमूना या सैंपल पहले आता है, उसकी जांच सबसे पहले होती है। इसमें कोई फेरबदल नहीं किया जाता। गंभीर मामलों में वरिष्ठ अधिकारी की अनुसंशा पर ही इस प्राथमिकता को बदला जाता है।

फोरेंसिक लैब से रिपोर्ट कब तक आएगी, यह तो पुलिस ही बता सकती है। निर्धारित प्रक्रिया के तहत लैब से पहले मेल के जरिए रिपोर्ट पुलिस के पास जाएगी, फिर हमें सूचित किया जाएगा।
– डाॅ. आरएस भाटी, प्रभारी सिविल सर्जन

जांच रिपोर्ट में 2-3 दिन भी लग सकते हैं और 8-10 दिन भी। इस संबंध में फोरेंसिक अधिकारी ही बता सकते हैं। गुरुवार को सभी शवों और उनके संभावित परिजन के सैंपल ले लिए गए हैं। यह सैंपल ग्वालियर भेज दिए गए हैं।
– मानसिंह ठाकुर, प्रभारी एसपी, गुना

शवों से डीएनए नमूना लेना चुनौती…

मृतकों व परिजन के डीएनए मिलान के लिए ग्वालियर से गुरुवार को टीम पहुंची थी। इन अधिकारियों ने खुलकर यह नहीं बताया कि कब तक यह पता चलेगा कि कौन सा शव किसका का है? जानकारों ने बताया कि पहली चुनौती तो यही होगी कि मृतकों के शरीर से डीएनए का सैंपल सही हालत में है या नहीं। सागर की फोरेंसिक लैब के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इस मामले में डीएनए के सैंपल हडि्डयों से ही मिल सकते हैं। शरीर पर बाल तो बचे नहीं होंगे। इसके अलावा त्वचा और अंदर के टिशू भी खराब हो गए होंगे।

अस्पताल में कहा- आपको फोन पर सूचना मिल जाएगी

गुरुवार शाम 5:30 बजे तक सैंपल के लिए इंतजार करना पड़ा। आज फिर हम अस्पताल पहुंचे। हमें कहा गया कि अभी दो-तीन दिन लगेंगे। अब अस्पताल आने की जरूरत नहीं है। आपको फोन पर अगली सूचना मिल जाएगी।

– प्रह्लाद गिरी, 46 वर्षीय अर्जुन गिरी के पिता।

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