इंदौर

बाल विवाह करना कानूनन अपराध है

जिला प्रशासन की टीम ने बाल विवाह की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर परिजनों को दी समझाईस

इन्दौर : 

कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशन में इंदौर जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिये प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर द्वारा गठित जिला स्तरीय कोर ग्रुप, महिला एवं बाल विकास विभाग और चाइल्ड लाइन का दल बाल विवाह की रोकथाम के लिये सतत कार्रवाई में लगा हुआ है। रविवार को खजराना स्थित बाबा का बाग में एक ही परिवार के दो बच्चों की कम उम्र में शादी की शिकायत दल को मिली। सूचना मिलते ही लाडो अभियान कोर ग्रुप बाल विवाह विरोधी उड़नदस्ता के प्रभारी महेंद्र पाठक, कोर ग्रुप सदस्य देवेंद्र पाठक, चाइल्ड लाइन से मोनिका वाघे और शुभम ठाकुर, विशेष किशोर पुलिस इकाई के प्रधान आरक्षक अनिल चतुर्वेदी के साथ मौके पर पहुंचे। उनके साथ पुलिस थाना खजराना के दो आरक्षक परीक्षण के दौरान मौजूद रहे। बच्चों के पिता फारुख पटेल ने बताया कि उनके बेटे की उम्र 17 वर्ष तथा बेटी की उम्र 15 वर्ष है। उन्होंने आयोजन संबंधी छपवाए गए कार्ड भी उपलब्ध कराएं, जिसके अनुसार दोनों बालक-बालिकाओं की सगाई की रस्म 10 मार्च को होना है। आसपास में पूछताछ से भी सगाई होने की बात ही सामने आई। दल ने परिजनों और उपस्थित रिश्तेदारों को समझाइश देकर बताया कि कम उम्र में शादी करने से कौन-कौन से नुकसान होते हैं। उन्होंने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी देते हुए सजा और जुर्माना की जानकारी दी। परिजनों ने कहा कि सगाई ही करेंगे। बच्चों का विवाह कानूनन रूप से बालिग होने के बाद ही किया जाएगा। उड़नदस्ता के प्रभारी पाठक ने बताया कि बाल विवाह की संभावना को देखते हुए दोनों पक्ष इंदौर के होने के कारण सतत निगरानी रखी जाएगी। सगाई की तिथि पर भी अमला तैनात रहेगा। यदि सगाई के बजाय विवाह किया जाता है तो अधिनियम के अनुसार कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

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