साल के आखिरी दो दिन बाद बूंदाबांदी के आसार: कई वर्षो बाद ऐसा दिसंबर, जब प्रदेश में एक दिन भी नहीं चली शीतलहर

भोपाल डेस्क :

दिसंबर बीतने में सिर्फ दो दिन बाकी हैं… लेकिन हैरत यह है कि भोपाल सहित प्रदेशभर में यह महीना बिना शीतलहर के निकल गया। साल के आखिरी महीने में रात में कड़ाके की ठंड ही नहीं पड़ी। रात का तापमान ज्यादातर दिनों तक सामान्य से ज्यादा बन रहा। ऐसा 34 साल बाद हुआ।

महाकौशल, बुंदेलखंड और विंध्य के कुछ इलाकों में कोल्ड डे जरूर रहे, पर यहां भी कहीं शीतलहर नहीं चली। 1989 के बाद यह हालात बने। इसका कारण यह है कि जिस वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर होने से हमारे यहां ठंड पड़ती है, उसके कारण पहाड़ों पर बर्फबारी तो हुई पर बर्फीली हवा ज्यादातर मप्र में असर नहीं कर सकी।

उत्तर पश्चिमी ठंडी हवा और पूर्व की गर्म हवा आपस में मिलती रही। इसके कारण रात के तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं हुई। दिन में घना कुहासा, कोहरा और धुंध छाई रही। इसलिए दिन भी ठंडे रहे। -जैसा अनूप दुबोलिया को बताया।

3 कारण… जिसकी वजह से प्रदेश में तेज सर्दी नहीं पड़ी

1. प्रशांत महासागर में अलनीनो अब भी सक्रिय है, जिसके कारण जो मौसमी सिस्टम बने, उनका ज्यादा असर दिन में रहा। इससे बादल रहे, लेकिन बारिश ज्यादा नहीं हुई।

2. ठंडी उत्तरी और गर्म नम पूर्वी हवाएं आपस में मिलती रहीं, जिनसे कोहरा होता रहा।

3. इससे दिन का तापमान कम, लेकिन रात का तापमान ज्यादा रहा।

इसका असर क्या होगा? गेहूं की पैदावार कम होगी?
– कृषि विशेषज्ञ प्रकाश सिंह रघुवंशी के अनुसार, कम ठंड पड़ने से गेहूं की पैदावार पर असर होगा। यदि अब जनवरी में ज्यादा ठंड नहीं पड़ी तो गेहूं की पैदावार 20% कम हो सकती है।

अब आगे क्या होगा?
नए साल में ही पड़ेगी ठंड
31 दिसंबर या 1 जनवरी से भोपाल, ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा संभाग में कहीं-कहीं बादल और हल्की बारिश के आसर हैं। फिर तेज ठंड का दौर चलेगा।

शीतलहर का मापदंड क्या है?
-जब रात का तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री से लेकर 6.4 डिग्री तक कम हो तब शीतलहर चलना माना जाता है। इस पूरे सीजन में मप्र में किसी शहर या जिले में एक बार भी यह स्थिति नहीं बनी। भोपाल में दिसंबर के पहले दिन रात का पारा सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा और दूसरे दिन सामान्य से 6 डिग्री ज्यादा रहा था।
– जब बादल छाए रहते हैं तब ये रात के तापमान के लिए कंबल का काम करते हैं। इसका मतलब यह रात का तापमान कम नहीं होने देते।

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