काशी और महाकाल कॉरिडोर के बाद अब मां कामाख्या कॉरिडोर बनेगा: CM हिमंता ने डिजिटल ब्लू प्रिंट जारी किया, नीलांचल पर्वत पर कई और मंदिर भी, कॉरिडोर में ये सब शामिल

न्यूज़ डेस्क :

काशी विश्वनाथ और महाकाल कॉरिडोर की तरह जल्द गुवाहाटी में मां कामाख्या कॉरिडोर भी बनेगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 4 मिनट 5 सेकेंड का एनिमेटेड वीडियो शेयर करके इसका डिजिटल ब्लू प्रिंट जारी किया है। PM नरेंद्र मोदी ने नॉर्थ-ईस्ट में चुनाव प्रचार के दौरान मां कामाख्या कॉरिडोर का ऐलान किया था।

51 शक्तिपीठों में है मां कामाख्या मंदिर
गुवाहाटी में नीलांचल पर्वत पर मां कामाख्या देवी का मंदिर है। ये 51 शक्तिपीठों में शामिल है। इन्हें कामेश्वरी या इच्छा की देवी भी कहते हैं। यह तांत्रिक शक्तिवाद पंथ का केंद्र है।

नीलांचल पर्वत पर कई और मंदिर भी, कॉरिडोर में ये सब शामिल
नीलांचल पर्वत पर मां कामाख्या देवी के मंदिर के अलावा कई मंदिर हैं। यहां मातंगी, कमला, त्रिपुर सुंदरी, काली, तारा, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, छिन्नमस्ता, भैरवी, धूमावती देवियों और दशमहाविद्या (देवता के दस अवतार) के मंदिर भी हैं। नीलांचल पहाड़ी के चारों ओर भगवान शिव के पांच मंदिर कामेश्वर, सिद्धेश्वर, केदारेश्वर, अमरतोकेश्वर, अघोरा और कौटिलिंग मंदिर हैं। इन्हीं सब को मिलाकर मां कामाख्या कॉरिडोर बनेगा।

ब्रह्मा, विष्णु और शिव हिल से मिलकर बना नीलांचल पर्वत
नीलांचल तीन भागों यानी ब्रह्मा हिल, विष्णु हिल और शिव हिल से मिलकर बना है। यहां भुवनेश्वरी मंदिर सबसे ज्यादा हाइट पर है। पहाड़ी के उत्तरी भाग में ब्रह्मपुत्र नदी बहती है। नीलांचल पहाड़ी में बाणदुर्गा मंदिर, जया दुर्गा मंदिर, ललिता कांता मंदिर, स्मरणकली मंदिर, गदाधर मंदिर, घंटाकर्ण मंदिर, त्रिनाथ मंदिर, शंखेश्वरी मंदिर, द्वारपाल गणेश के मंदिर जैसे कुछ अन्य मंदिर हैं। हनुमान मंदिर, पांडुनाथ मंदिर बरहा पहाड़ी में स्थित हैं।

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