उपलब्धि:- एक साल में 51000 हजार से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन कर स्थापित किया कीर्तिमान

गुरुदेव रणछोड़ दास जी महाराज के सिद्धांत अंधे को आंख, भूखे को भोजन और निर्वस्त्र को वस्त्र के सिद्धांत पर कार्य कर रही है संस्था

आनंदपुर डेस्क  :                              सीताराम वाघेला
अंधे को आंख, भूखे को भोजन और निर्वस्त्र को वस्त्र के सिद्धांत पर कार्य कर रहा है श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट।  गुरुदेव रणछोड़ दास जी महाराज के इसी सिद्धांत पर पीड़ित मानवता के सेवा कार्य में निरंतर जुटा हुआ है।
इसी सिद्धांत को सिरोधर करते हुए सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के सद्गुरु संकल्प नेत्र चिकित्सालय ने आंखों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन करने के मामले में इस वर्ष जिला ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
श्री सद्गुरु संकल्प नेट चिकित्सालय ने इस वर्ष 51223 आंखों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है जो कि अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के अंतर्गत दो अस्पताल संचालित होते हैं जिसकी मुख्य शाखा जानकी कुंड नेत्र चिकित्सालय है और दूसरा सदगुरु संकल्प नेत्र चिकित्सालय आनंदपुर यदि दोनों नेत्र चिकित्सालय के आंखों से संबंधित ऑपरेशनों की बात की जाए तो इस वर्ष सदगुरु संकल्प नेत्र चिकित्सालय ने 51223 और जानकी कुंड नेत्र चिकित्सालय ने लगभग डेढ़ लाख से अधिक मोतियाबिंद के ऑपरेशन कर मध्य प्रदेश में इतिहास रच दिया है। अभी तक मध्य प्रदेश में ऐसा कोई भी अस्पताल या संस्था नहीं है जो 1 वर्ष में जिसने इतने ऑपरेशन किए हो, आंखों के मोतियाबिंद के ऑपरेशनों के मामले में सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट मध्य प्रदेश में पहले स्थान पर है।
संस्था की स्थापना और उद्देश्य
 गुरुदेव रणछोड़ दास जी महाराज ने पहला शिविर 1950 में चित्रकूट में लगाया था और उन्होंने देखा गरीबी के कारण व्यक्ति सही से ना तो भजन कर पाते और ना ही कपड़े पहन पाते वह आंखों की बीमारियों से ग्रसित होकर अंधे घूमते रहते हैं तब उन्होंने मुंबई और गुजरात के कुछ समाजसेवी उद्योगपतियों को साथ लेकर 1968 में सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट की स्थापना की और इसका मुख्य उद्देश्य अंधे को आंख, भूखे को भोजन और निर्वस्त्र को वस्त्र देना था। अरविंद भाई मफतलाल को ट्रस्ट का पहला अध्यक्ष बनाया गया सबसे पहले उन्होंने चित्रकूट में जानकी कुंड नेत्र चिकित्सालय की नींव डाली उसे पूरी तरह विकसित कर सुचारू रूप से आंखों के ऑपरेशन का कार्य शुरू कराया साथ ही जनरल हॉस्पिटल भी बनवाया जिससे सभी बीमारियों का इलाज भी व्यवस्थित तरीके से किया जा सके।
वर्ष 1978- 79 में गुरुदेव का आगमन आनंदपुर हुआ जहां पर उन्होंने देखा कि ग्रामीण क्षेत्र में बहुत ज्यादा ही पिछड़ा हुआ है ना तो यहां कोई हॉस्पिटल है और ना रोजगार के साधन। तो उन्होंने पूर्व विधायक गोवर्धन भाई उपाध्याय को ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाते हुए उन्हीं के घर में दो कमरों की जगह में एक जनरल चिकित्सालय खुलवाया और उन्हीं के सहयोग से 1980 में पहला नेत्र शिविर सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट आनंदपुर में आयोजित किया गया 1980 से लेकर 2003 तक टेंट लगाकर मरीजों के लिए वार्ड बनाए जाते थे और जनरल हॉस्पिटल की एक वार्ड में ऑपरेशन थिएटर बनाकर उसमें ऑपरेशन किए जाते थे।
वर्ष 2000 में गुरुदेव के आदेश अनुसार डॉक्टर विष्णु भाई जोबन पुत्रा का धर्मपत्नी सहित आनंदपुर आगमन हुआ और उन्होंने यहां की विषम परिस्थितियों की परवाह किए बिना गुरुदेव के सिद्धांतों को सिरोधार करते हुए सद्गुरु संकल्प जनरल हॉस्पिटल के साथ ही सद्गुरू संकल्प नेत्र चिकित्सालय बनाने का कार्य बड़े ही तेजी से प्रारंभ किया। ओर 6 दिसंबर 2006 को इसका लोकार्पण भी कर दिया गया तब से ही इस सद्गुरु संकल्प नेत्र चिकित्सालय में व्यवस्थित तरीके से आंखों के मोतियाबिंद सहित सभी प्रकार की बीमारियों के ऑपरेशन हो रहे हैं।
5 वर्षों में जांच कराई 
पिछले 5 वर्षों में 10 लाख 31361 व्यक्तियों ने अपनी आंखों की बीमारियों की जांच कराई है
आंखों की जांच 5 बर्ष की ओपीडी
199466,58805,195387,291643,286060
और यदि वर्ष 2005- 06 से देखा जाए तो अभी तक  27 लाख 91613 व्यक्तियों ने अपनी आंखों की सभी प्रकार की जांच सदगुरु संकल्प नेत्र चिकित्सालय में अपनी आंखों की जांच कराई है।
आंखों के मोतिया बिंद के ऑपरेशन 5 वर्षों में
41083, 19281, 49713, 50656, 51223
और यदि वर्ष 2003-4 से अभी तक आंखों के मोतियाबिंद के कुल ऑपरेशनों की बात की जाए तो 573924 ऑपरेशन सदगुरु संकल्प नेत्र चिकित्सालय में किया जा चुके हैं।
ऑपरेशन के प्रकार – आंखों का मोतियाबिंद, ग्लूकोमा (कालापानी), कॉर्निया (आंख की पुतली का ऑपरेशन),  विट्रो रेटिना (आंखों के पर्दे का ऑपरेशन), ओको प्लास्टि, पीडियाट्रिक ( बच्चों की आंखों के ऑपरेशन) सहित अन्य सभी प्रकार के आंखों से संबंधित ऑपरेशन किए जाते हैं।
राष्ट्रीय अंधत्व एवं दृष्टि हीनता नियंत्रण के अंतर्गत सदगुरु नेत्र चिकित्सालय कार्य कर रहा है जिसमें राज्य एवं जिला स्तर पर सरकार का भरपूर सहयोग रहता है साथ ही विजन 20- 20 इंडिया की भी संस्था के पास सदस्यता है और कई संस्थाएं भी जिनमे से प्रमुख रूप से साइट सेवर, सेवा फाउंडेशन, ओरविस जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के कार्यों में कंधे से करना मिलकर साथ दे रहे हैं।
सदगुरु संकल्प  नेत्र चिकित्सालय आनंदपुर के डायरेक्टर डॉक्टर विष्णु भाई जोबनपुत्रा कहते हैं की गुरुदेव रणछोड़ दास जी महाराज के सिद्धांत अंधे को आंख, भूखे को भोजन और निर्वस्त्र को वस्त्र देने का कार्य गुरुदेव ने हम सभी को सौंपा है जिसे हम पूरे जीवन भर करते रहेंगे और गुरुदेव कहते थे भगवान पूर्ण करेंगे तुम सब निमित्त हो।
सदगुरु संकल्प नेत्र चिकित्सालय द्वारा वैसे तो प्रतिवर्ष शिविर लगाए जाते हैं। लेकिन इस वर्ष 755 नेत्र जांच शिविर लगाए गए जिसने मध्यप्रदेश, राजस्थान उत्तर प्रदेश प्रमुख रूप से सम्मिलित है।
आंखों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने के बाद मरीज को ज्यादा परेशानी ना उतनी पड़े इसके लिए संस्था द्वारा मध्य प्रदेश राजस्थान और उत्तर प्रदेश तीन राज्यों के लगभग 12 जगह पर विशेष नेत्र जांच केंद्र ( विजन सेन्टर)भी खोले गए हैं जिससे मरीज अपनी आंखो की ऑपरेशन के बाद जांच करा सके।
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