जिले में कुल 1 लाख 24 हजार 18 बच्चे दर्ज हैं। जिनमें 3,965 बच्चे मध्यम गंभीर कुपोषित तथा 241 बच्चे अति गंभीर कुपोषित मौजूद, कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य पर दें विशेष ध्यान – कलेक्टर

गुना :- |
एनआरसी केंद्र में भर्ती कराएं, कलेक्टर ने ली समीक्षा बैठक |
कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग की जिलास्तरीय समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि जिले में कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाये। बच्चों को एनआरसी केंद्र में भर्ती कराएं। इसके द्वारा बच्चे सुपोषित होंगे बल्कि उनकी माता को भी मजदूरी मिलेगी, जिससे उनके काम में कोई नुकसान नही होगा। कलेक्टर ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, पोषण आहार वितरण, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना, स्पॉसरशिप योजना तथा निजी स्पॉन्सरशिप योजना आदि की समीक्षा की। उन्होंने सभी योजनाओं में गति लाने के निर्देश दिए। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास डीएस जादौन, महिला सशक्तिकरण अधिकारी आरबी गोयल, सहायक संचालक मनोज भारद्वाज, सीडीपीओ, सुपरवाईजर आदि उपस्थित रहे।
समीक्षा बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि जिले में वर्तमान में 0 से 5 वर्ष के कुल 1 लाख 24 हजार 18 बच्चे दर्ज हैं। जिनमें 3,965 बच्चे मध्यम गंभीर कुपोषित तथा 241 बच्चे अति गंभीर कुपोषित मौजूद हैं। विगत माह 5062 बच्चे मध्यम गंभीर तथा 409 बच्चे अतिगंभीर कुपोषित थे। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि बच्चे के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देते हुए सही-सही स्थिति अंकित करें। आंकड़े सही हो तभी हम सही कार्य योजना बनाकर बच्चों के पोषण स्तर में सुधार ला सकते हैं।
एनआरसी में दर्ज बच्चों की कम संख्या पर कलेक्टर द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 15 दिवस में जिले में उपलब्ध सभी एनआरसी केंद्रों की 70 सीटों पर कुपोषित बच्चों को भर्ती कराया जाये। वर्तमान में केवल 20 बच्चे भर्ती हैं। एनआरसी में जो बेड संख्या दर्ज हैं उनमें गुना में 20, म्याना में 10, बमोरी में 10, आरोन में 10, राघौगढ में 10 तथा बीनागंज में 10 पलंग उपलब्ध हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 1660 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 21, सहायिक 15 और मिनी कार्यकर्ता 03 रिक्त पद हैं। कलेक्टर ने रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए। उन्होंने अधूरे आंगनबाड़ी भवनों को पूरा कराने के भी निर्देश दिए। पोषण पुर्नवास वितरण के संबंध में बताया गया कि 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों को टीएचआर वितरण किया जा रहा है। जिसमें 57,352 बच्चों को पोषण आहार दिया जा रहा है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिन बच्चों के माता-पिता पोषण आहार प्राप्त नही कर रहे हों, उन्हें आंगनबाड़ी सुपरवाईजर स्वयं समझाकर पोषण आहार दें। यह बच्चे के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्र खुलने तथा पका हुआ भोजन नाश्ता के संबंध में जानकारी ली। जिसमें बताया गया कि सभी 1660 आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को नमकीन दलिया, दाल, खिचड़ी आदि प्रदान की जा रही है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 8457 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। लाड़़ली लक्ष्मी योजना में माह नवंबर तक 373 हितग्राहियों को लाड़ली लक्ष्मी के रूप में दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना में 19 बच्चों को अनाथ होने पर आर्थिक सहायता दी जा रही है। स्पॉन्सर योजना में 42 बच्चे लाभांवित हो रहे हैं। निजी स्पॉन्सरशिप योजना में 50 बच्चों को लाभांवित किया जा रहा है। बाल संप्रेक्षण गृह में 14 बच्चे निवासरत हैं।