72 साल की दादी ने दिखाया दम, किया शानदार गोल: महिलाओं ने साड़ी पहनकर खेला फुटबॉल

ग्वालियार डेस्क :

क्या आपने कभी खेल मैदान में महिलाओं को साड़ी पहनकर खेलते देखा है। खेल भी फुटबॉल। ग्वालियर में ऐसा ही नजारा दिखा। महिलाओं ने साड़ी पहनकर खूब दौड़ लगाई, किसी ने फुटबॉल को जमकर किक मारी, गोल किया, तो किसी ने गोल होने से बचाया। फुटबॉल की इन लेडी प्लेयर्स में 20 साल की उम्र से लेकर 70 साल तक की खिलाड़ी शामिल है।

दरअसल ग्वालियर में ‘गोल इन साड़ी’ नाम से महिलाओं का फुटबॉल टूर्नामेंट चल रहा है। जिसमें महिला खिलाड़ियों ने फुटबॉल में अपना हुनर दिखाया। ना किचन की टेंशन थी, ना ही उम्र। बस एक ही गोल था… किसी तरह विरोधी टीम के पाले में जाकर गोल करना है।

‘गोल इन साड़ी’ टैग लाइन वाले इस अनोखे फुटबॉल टूर्नामेंट की शुरुआत 25 मार्च शनिवार को हुई थी। एमएलबी ग्राउंड पर हुए इस टूर्नामेंट में 8 टीमों ने हिस्सा लिया। महिलाएं साड़ी पहनकर मैदान में उतरी हैं। महिलाओं ने कहा कि ‘नारी साड़ी में भी भारी है’।

ऑरेन्ज टीम ने जीता टूर्नामेंट

दो दिन चले इस टूर्नामेंट का फाइनल रविवार दोपहर करीब 3 बजे खेला गया। फाइनल मुकाबला ​​​टीम रेड और टीम ऑरेन्ज के बीच खेला गया। टीम रेड ने कैप्टन रेखा बाथम और टीम ऑरेन्ज ने कैप्टन तृप्ति भटनागर के नेतृत्व में जमकर अपना दम दिखाया। दोनों टीमें आखिरी समय तक बिना गोल किए एक दूसरे पर अटैक कर रही थी, लेकिन आखिर समय में टीम ऑरेन्ज ने एक के बाद एक दो गोल दागकर ट्रॉफी अपने कब्जे में ले ली। ऑरेन्ज टीम विजेता रही, रेड टीम को उप विजेता घोषित किया गया।

टूर्नामेंट में इन 8 टीमों ने लिया हिस्सा

खेल के साथ टूर्नामेंट की जिम्मेदारी भी संभाल रही हैं

टूर्नामेंट के संयोजक अंजली बत्रा ने बताया कि महिलाओं ने ही इस टूर्नामेंट की जिम्मेदारी संभाली। पहले दिन 25 मार्च को 3 मैच हुए। इनमें पिंक, ब्लू और ऑरेंज टीमों ने शानदार जीत दर्ज की। पिंक पैंथर ने दमदार प्रदर्शन करते हुए पहला मैच जीता था। टीम के खिलाड़ियों का कहना है कि उन्होंने शुरुआत से ही यह तय कर लिया था कि इस मैच में जीत दर्ज करना है।

72 साल की दादी ने भी खेला फुटबॉल
ओपनिंग मैच के बाद दूसरे मैच में ब्लू क्वीन टीम ने गजब ढा दिया। इस टीम की खास बात यह थी कि इसमें 25 साल की भाभी से लेकर 72 साल की दादी ने भी हिस्सा लिया। उम्र दराज दादी दलजीत मान ने शानदार गोल कर अपनी टीम को जिता दिया। दादी दलजीत का कहना है कि अपनी सेहत के लिए वह रोजाना एक्सरसाइज करती हैं। जब भी मौका मिलता है तो वे मैदान में फुटबॉल जरूर खेलती हैं। उनका मानना है कि महिलाएं साड़ी पहनकर सिर्फ चूल्हा-चौका तक ही सीमित नहीं हैं, वे गोल भी मार सकती हैं।

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