आनंदपुर डेस्क :
मंगलवार बुधवार की दरमियानी रात प्री मानसून ने दस्तक दे दी जिसके चलते 2 घंटे जोरदार बारिश हुई और इस 2 घंटे की बारिश ने आनंदपुर ग्राम पंचायत की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी और पंचायत भवन सहित ग्राम के ग्राम में जगह जगह कचरे और गंदगी के ढेर जमा हो गए।
ग्राम के धन सिंह अहिरवार, बिशन सिंह अहिरवार आदि ने बताया कि रात को डेढ़ 2 घंटा तेज बारिश हुई थी जिसके कारण बाजार की नालियों में जो कचरा और गंदगी जमा था वह रोड पर पानी के साथ रहकर आ गया जो कि हमारे घरों में गंदा पानी और कचरा पहुंच गया ग्राम पंचायत बड़े-बड़े दावे करती है कि प्रतिदिन ग्राम में सफाई हो रही है लेकिन प्री मानसून की 2 घंटे की बारिश में ही ग्राम पंचायत की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। हम लोग ग्राम पंचायत सरपंच से आग्रह करते हैं की बरसात से पहले मुख्य बाजार सहित ग्राम की सभी नालियों की व्यवस्थित तरीके से साफ सफाई करवाई जाए जिससे ग्रामीण जनों को परेशानी परेशानियों का सामना न करना पड़े। पंचायत भवन के आसपास ही बेशुमार गंदगी और कचरे का ढेर जमा हो गया तो आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं की ग्राम पंचायत की सफाई व्यवस्था कैसी है और अंदर गांव में क्या हालात होंगे।
ग्राम के रिंकेश सुमन, भूरेलाल, प्रकाश प्रजापति आदि ने बताया कि मंगलवार हुई बारिश से मोहल्ले में पानी ही पानी हो गया पानी के साथ ही जगह-जगह गांव में गांव की सड़कों पर गंदगी भी पसर गई क्योंकि ग्राम पंचायत ने अभी तक नालियों की साफ सफाई नहीं कराई नालियों में जो कचरा जमा था वह सड़क पर आ गया।
साथ ही बताया कि यदि ग्राम की सभी नालियों की व्यवस्थित तरीके से साफ सफाई नहीं हुई तो यही गंदा पानी घरों में भी भर आएगा साथ ही जो गंदगी नालियों में जमी/भरी हुई है उसमें मच्छर पनपेंगे और इन्हीं मच्छरों के काटने से बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ेगा।
सफाई पर हर महीने खर्च हो रहे हैं 15 हजार रुपए
ग्राम पंचायत आनंदपुर से मिली जानकारी के अनुसार हर महीने साफ सफाई पर 15 से ₹20000 खर्च होते हैं लेकिन शासन की तरफ से अभी तक एक भी रुपए का सहयोग प्राप्त नहीं हुआ। सारे बिल पेंडिंग पड़े हैं। सफाई कर्मी बाजार की मुख्य नालियां तो साफ कर देते हैं लेकिन गांव की नालियां साफ करने के लिए तैयार नहीं हो रहे। पंचायत खुद चाहती है की बारिश से पहले ग्राम की सभी नालियों की व्यवस्थित तरीके से साफ सफाई हो।
सरकार द्वारा ग्राम पंचायत में स्वच्छता और जल व्यवस्था के लिए प्रतिवर्ष चार से पांच लाख रुपए आता है लेकिन अभी तक पंचायत के पास कुछ भी नहीं आया।