लाड़ली बहना के खातों में आए 1250 रुपए: भिंड में CM बोले-प्राण जाई पर वचन न जाई

न्यूज़ डेस्क :

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग से तीन दिन पहले मध्यप्रदेश में ‘लाड़ली बहना’ योजना के तहत हितग्राहियों के खाते में 1250 रुपए आ गए है। प्रदेश सरकार ने शनिवार को 1.29 करोड़ महिलाओं के खाते में मई महीने की राशि ट्रांसफर की है। भिंड के अटेर में चुनावी सभा करने आए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा- रघुकुल रीत सदा चल आई, प्राण जाई पर वचन न जाई। बहनों के खाते में 1250 रुपए भेज दिए है।

सरकार को उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में बंपर वोटिंग करने वाली बहनें तीसरे चरण के चुनाव में वोटिंग के लिए घरों से निकलेंगी।

दरअसल, प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण में घटी वोटिंग ने चुनाव आयोग के साथ राज्य सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सरकार वोटिंग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की कोशिश कर रही है ताकि विधानसभा चुनाव की तर्ज पर महिलाओं का वोट प्रतिशत लोकसभा चुनाव में भी तेजी से बढ़े।

कम वोटिंग पर अमित शाह जता चुके नाराजगी

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भोपाल आए थे। उन्होंने चेतावनी देते हुए उन विधायकों की रिपोर्ट मंगाई है जिनके यहां कम वोटिंग हुई है। इस मामले में खास तौर पर मंत्रियों के इलाकों की रिपोर्ट पर बीजेपी का फोकस ज्यादा है।

संगठन के मुताबिक शाह ने कम वोटिंग वाले मंत्रियों को हटाने और अच्छी वोटिंग वाले विधायकों को मंत्री बनाने का कहा है। इस बीच बीजेपी संगठन चुनाव प्रबंधन की बैठकों के माध्यम से वोटिंग बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाकर मतदान केंद्रों पर संपर्क बढ़ाने पर जोर दे रहा है।

इसलिए भी चर्चा में हैं लाड़ली बहना

मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की 34 विधानसभा सीट पर महिलाओं की वोटिंग पुरुषों से अधिक थी। इसके अलावा 2 दर्जन सीटें ऐसी भी रही हैं जहां महिलाओं और पुरुषों के बीच वोटिंग का अंतर एक से तीन प्रतिशत तक ही कम रहा है। इसका सीधा मतलब निकाला जा रहा है कि महिलाएं विधानसभा चुनाव में वोटिंग के लिए घर से न सिर्फ बाहर निकलीं, बल्कि अपने घरोंं के मतदाता परिजनों को भी साथ ले जाकर वोट डलवाया।

इस बार लोकसभा चुनाव में स्थिति विपरीत है। महिलाएं वोट डालने नहीं पहुंच रही हैं। इस कारण उनका खुद का वोटिंग प्रतिशत तो गिरा है, पुरुषों का भी वोट प्रतिशत गिरा है जो बीजेपी-कांग्रेस के साथ चुनाव आयोग के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।

सामाजिक और व्यापारिक संगठनों की भी मदद लेने की तैयारी

वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने बीजेपी ने इसके साथ ही सामाजिक और व्यापारिक संगठनों को भी साधने का काम किया है। सूत्रों का कहना है कि चेंबर ऑफ काॅमर्स समेत विभिन्न सामाजिक, व्यापारिक और अन्य संगठनों के पदाधिकारियों की भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में भाजपा नेता मदद ले रहे हैं।

इसके लिए बीजेपी के नेता इन संगठनों को आगे करके मतदान केंद्रों में शीतल पेय, टेंट और छाया तथा अन्य सुविधाएं दिलाने के लिए प्रयासरत हैं ताकि लोग वोट डालने निकलें और किसी तरह की दिक्कत न होने की जानकारी शेयर कर एक दूसरे को वोटिंग के लिए प्रोत्साहित करने का भी काम करें।

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